सबसे ज्यादा 0 पर आउट होने वाला खिलाड़ी India Top 10 List, कितनी बार आउट हुए और साथ में कितनी मैच खेले है और कितने बोल पर आउट हुवे है।
क्रिकेट की दुनिया में हर खिलाड़ी कभी न कभी असफलताओं का सामना करता है, और यही असफलताएं उन्हें महान बनाती हैं। विश्व कप 2023 के भारत और इंग्लैंड के बीच हुए मैच में भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली 9 गेंदें खेलने के बाद बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए। कोहली के शानदार 32 मैचों के विश्व कप करियर में यह पहली बार था जब वह शून्य पर आउट हुए, लेकिन वनडे क्रिकेट के इतिहास में यह 16वीं बार था जब उन्होंने यह कड़वा अनुभव किया।
कोहली जैसे दिग्गज खिलाड़ी भी इस चुनौती का सामना कर चुके हैं, और यही बात हमें याद दिलाती है कि क्रिकेट में शून्य पर आउट होना कोई शर्मिंदगी की बात नहीं है, बल्कि यह खेल का एक हिस्सा है। जब हम वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा बार शून्य पर आउट होने वाले भारतीय बल्लेबाजों की सूची देखते हैं, तो इसमें कुछ महान खिलाड़ी शामिल हैं जिन्होंने न केवल भारतीय क्रिकेट को ऊंचाइयों तक पहुंचाया, बल्कि अपनी असफलताओं से भी सबक लिया।
ये भारतीय खिलाड़ी वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा बार हुए हैं शून्य पर आउट:
10. सुरेश रैना – 14 बार:
सुरेश रैना, जो अपने आक्रामक बल्लेबाजी अंदाज के लिए जाने जाते हैं, ने 2005 से 2018 तक अपने वनडे करियर में 14 बार शून्य का सामना किया। हालांकि, उन्होंने 224 मैचों में 5615 रन बनाए और भारतीय क्रिकेट के मध्यक्रम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह संघर्ष उन्हें और बेहतर बनाता गया, और उन्होंने भारतीय टीम को कई महत्वपूर्ण जीत दिलाई।
9. जहीर खान – 15 बार:
जहीर खान, भारतीय तेज गेंदबाजी के प्रमुख स्तंभ, ने अपने वनडे करियर में 200 मुकाबले खेले और 101 पारियों में 792 रन बनाए। 15 बार शून्य पर आउट होने के बावजूद, जहीर ने भारतीय क्रिकेट को कई यादगार क्षण दिए, खासकर गेंद से। उनके संघर्ष ने उन्हें एक बेहतर खिलाड़ी और इंसान बनाया, जो चुनौतियों से कभी घबराते नहीं थे।
8. विराट कोहली – 16 बार:
विराट कोहली, भारतीय क्रिकेट का मौजूदा सितारा, जिन्होंने अपने नाम कई रिकॉर्ड दर्ज किए हैं, 16 बार वनडे में शून्य का सामना कर चुके हैं। 2008 से अब तक खेले गए 287 मैचों में 13437 रन बनाकर कोहली ने यह साबित किया है कि शून्य से शुरुआत करना कोई बुरी बात नहीं है, बल्कि हर गिरावट के बाद वह और मजबूती से उभरे हैं।
7. सौरव गांगुली – 16 बार:
सौरव गांगुली, जिनका आक्रामक नेतृत्व और बल्लेबाजी भारतीय क्रिकेट के लिए क्रांतिकारी साबित हुआ, ने भी 16 बार शून्य का सामना किया। बावजूद इसके, उन्होंने 311 मैचों में 11363 रन बनाए और भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक साहसी कप्तान के रूप में अपनी जगह बनाई।
6. रोहित शर्मा – 16 बार:
वर्तमान भारतीय कप्तान रोहित शर्मा, जो अपनी ‘हिटमैन’ छवि के लिए मशहूर हैं, ने भी 16 बार शून्य का सामना किया। हालांकि, 257 मैचों में 10510 रन बनाकर रोहित ने यह दिखाया है कि शून्य सिर्फ एक नंबर है, और वह हर बार नई ऊंचाइयों को छूते रहे हैं।
5. हरभजन सिंह – 17 बार:
हरभजन सिंह, जो अपनी फिरकी गेंदबाजी के लिए मशहूर रहे, ने अपने वनडे करियर में 17 बार शून्य का सामना किया। फिर भी, 236 मैचों में उन्होंने 1237 रन बनाए और भारतीय टीम को कई जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। हरभजन का सफर बताता है कि कैसे संघर्ष एक खिलाड़ी को और भी मजबूत बनाता है।
4. युवराज सिंह – 18 बार:
युवराज सिंह, जिनकी बैटिंग आक्रामकता और निडरता ने भारत को कई बड़े टूर्नामेंट जिताए, ने 18 बार शून्य का सामना किया। लेकिन, उनके 8701 रन यह बताते हैं कि युवराज न केवल एक बेहतरीन बल्लेबाज थे, बल्कि उनके अंदर वह जुनून था, जो उन्हें बार-बार उठने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता था।
3. अनिल कुंबले – 18 बार:
अनिल कुंबले, भारत के महानतम स्पिनरों में से एक, ने अपने करियर में 18 बार शून्य का सामना किया। लेकिन, उनके 938 रन और 271 वनडे मैच यह साबित करते हैं कि कुंबले ने कभी हार नहीं मानी और हर बार अपनी गेंदबाजी से विरोधी टीमों के लिए चुनौती खड़ी की।
2. जवागल श्रीनाथ – 19 बार:
जवागल श्रीनाथ, भारतीय तेज गेंदबाजी के आधार स्तंभ, ने 19 बार शून्य का सामना किया, लेकिन उनके 883 रन और 229 वनडे मैच उनके समर्पण और संघर्ष की कहानी कहते हैं। श्रीनाथ ने अपने करियर में हर चुनौती का सामना किया और अपनी तेज गेंदबाजी से भारतीय क्रिकेट को नई पहचान दिलाई।
1. सचिन तेंदुलकर – 20 बार:
सचिन तेंदुलकर, जिनका नाम क्रिकेट इतिहास में सबसे महान बल्लेबाजों में गिना जाता है, ने वनडे क्रिकेट में 20 बार शून्य का सामना किया। लेकिन, यह वही सचिन हैं जिन्होंने 463 मैचों में 18426 रन बनाए और क्रिकेट की दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ी। उनकी कहानी बताती है कि असफलताएं हमें बड़ा बनाती हैं, और उनसे उठकर आगे बढ़ना ही असली सफलता है।
निष्कर्ष:
यह सूची दिखाती है कि शून्य से शुरू करना कोई शर्मिंदगी की बात नहीं है, बल्कि यह खेल का एक अहम हिस्सा है। असफलता और संघर्ष ही वह प्रेरणा बनते हैं जो इन खिलाड़ियों को महान बनाते हैं। उन्होंने हर बार मैदान में अपने अनुभव से सीखा और एक मजबूत वापसी की। यही कारण है कि ये सभी खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट के इतिहास में हमेशा याद रखे जाएंगे।
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